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BPSC परीक्षा के दौरान बवाल करने वाले छात्रों पर दर्ज होगा मर्डर केस, सेंटर सुपरिटेंडेंट की हार्ट अटैक से हो गई थी मौत

BPSC परीक्षा के दौरान बवाल करने वाले छात्रों पर दर्ज होगा मर्डर केस, सेंटर सुपरिटेंडेंट की हार्ट अटैक से हो गई थी मौत

 

BPSC Exam 2024: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा शुक्रवार को आयोजित परीक्षा के दौरान पटना के बापू परीक्षा परिसर में हंगामा होने पर एक अधिकारी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई, जिसके संबंध में मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की गई है। जांच में पता चला कि असामाजिक तत्वों ने परीक्षा को रोकने की कोशिश की और अफवाह फैलाई। वहीं जिला प्रशासन ने रविवार को हत्या का मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की है।

 

परीक्षा में लगभग 5 लाख अभ्यर्थियों ने लिया था भाग

पटना के जिलाधिकारी द्वारा बीपीएससी को सौंपी गई रिपोर्ट में यह सिफारिश की गई, जिसकी प्रतियां मीडिया को उपलब्ध कराई गई हैं। पटना के कुम्हरार इलाके में स्थित बापू परीक्षा परिसर में यह घटना 13 दिसंबर को हुई। बापू परीक्षा परिसर उन 900 से अधिक केंद्रों में से एक था, जहां यह प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की गई। इस प्रतियोगी परीक्षा में लगभग पांच लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। उपजिलाधिकारी रैंक के एक अधिकारी द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट में ‘परीक्षार्थियों के रूप में असामाजिक तत्वों द्वारा परीक्षा रद्द करवाने के उद्देश्य से व्यवधान पैदा करने की कोशिश किए जाने’ की बात कही गई है। रिपोर्ट में इस पूरे प्रकरण में ‘कई कोचिंग संस्थानों की भूमिका की जांच’ की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है।

 

हंगामे के दौरान अधिकारी की हार्ट अटैक से हो गई मौत

परीक्षा वाले दिन बापू परीक्षा परिसर में 5,000 से अधिक अभ्यर्थी उपस्थित थे तथा परीक्षा हॉल से बाहर निकलकर उन्होंने आरोप लगाया कि प्रश्नपत्र लीक हो गया है। परीक्षा केंद्र के बाहर भी भारी भीड़ जमा हो गई थी तथा पुलिस के हस्तक्षेप से स्थिति को नियंत्रित किया गया। पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह भी मौके पर पहुंचे और घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें वह (जिलाधिकारी) एक उपद्रवी को थप्पड़ मारते नजर आ रहे थे। हंगामे के दौरान राम इकबाल सिंह को दिल का दौरा पड़ा और जिला प्रशासन की रिपोर्ट में उनकी मौत का कारण परीक्षा केंद्र से सटी सड़क पर यातायात जाम को बताया गया।

 

हत्या का मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश

रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क जाम होने के कारण अधिकारी को समय पर अस्पताल नहीं ले जाया जा सका। रिपोर्ट में बताया गया, “ अभ्यर्थियों और अन्य असामाजिक तत्वों (जो विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं) के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए और उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की जाती है।” चंद्रशेखर सिंह ने प्राथमिकी दर्ज होने के बाद रविवार को बताया, “जिला प्रशासन बापू परीक्षा परिसर परीक्षा केंद्र के सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रहा है। केंद्र पर हंगामा करने वाले 10 से 12 असामाजिक तत्वों की पहचान करने के लिए पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की निगरानी में दो टीमें गठित की गई हैं।” अधिकारी ने बताया कि अगर वे (असामाजिक तत्व) परीक्षार्थी निकले तो जिला प्रशासन आयोग से अनुरोध करेगा कि उन्हें बीपीएससी परीक्षा में बैठने से रोक दिया जाए और उन्हें जेल भेजा जाएगा।

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