
सपा मुखिया अखिलेश और सांसद सुमन पर सिविल केस
अधिवक्ता ने किया बाबरनामा और ब्रिटिश शासन के अभिलेखों का उल्लेख
विशाल समाचार आगरा
आगरा। राणा सांगा को गद्दार कहने पर राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सदस्य रामजीलाल सुमन और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के विरुद्ध आगरा सिविल कोर्ट (सीनियर डिवीजन) में सिविल केस दायर किया गया है।
अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि समाचार पत्र व सोशल मीडिया से जानकारी मिली कि सपा के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सदस्य रामजीलाल सुमन, राणा सांगा को गद्दार कह रहे हैं। जिनका समर्थन सपा मुखिया अखिलेश यादव भी कर रहे हैं। अधिवक्ता ने बताया कि ब्रिटिश सरकार की अधिकारी एएस बिबरिज ने बाबरनामा का अंग्रेजी में अनुवाद किया था, जिसमें यह लिखा है कि बाबर को इब्राहिम लोदी के विरुद्ध पंजाब के गवर्नर दौलत खान लोदी ने भारत आमंत्रित किया था।
अखिलेश यादव।,रामजीलाल सुमन ।
बाबर को इब्राहिम लोदी के विरुद्ध दौलत खान लोदी ने किया था आमंत्रित वर्ष 1884-84 के लाहौर गजेटियर के पेज संख्या 20 पर यही तथ्य लिखा है। बाबर को इब्राहिम लोदी के विरुद्ध दौलत खान लोदी ने बुलाया था। ब्रिटिश सरकार के 100-150 साल पुराने अभिलेखों जब यह लिखा है तो किन दस्तावेजों के आधार पर रामजीलाल सुमन यह दावा कर रहे हैं कि बाबर को इब्राहिम लोदी के विरुद्ध राणा सांगा ने आमंत्रित किया था।
बाबरनामा का विश्लेषण करने पर यह पता चलता है कि बाबर व राणा सांगा के बीच में युद्ध 11 फरवरी 1527 से 17 मार्च 1527 चला। बाबर का कैंप खानवा में पहाड़ी के निकट था, बाबरनामा का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि 17 मार्च 1527 को अंतिम निर्णायक युद्ध सीकरी किले पर लड़ा गया, जिसमें राणा सांगा घायल हो गए थे।
सीकरी के कामाख्या माता मंदिर परिसर (जामा मस्जिद) में 250-300 कब्रें उन्हीं मुगल सैनिकों की है जो कि बाबर-राणा सांगा की सेना के युद्ध में मारे गए थे। उन्होंने न्यायालय से मांग की है कि न्यायालय यह उद्घोषणा करे कि बाबर को इब्राहिम लोदी पर आक्रमण करने के लिए दौलत खान लोदी ने भारत आमंत्रित किया था न कि राणा सांगा ने। 17 मार्च 1527 को अंतिम निर्णायक युद्ध सीकरी किले पर हुआ था न कि खानवा के मैदान में। केस की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन में हुई व फाइल को अग्रिम आदेश के लिए रख लिया गया।