
जसवंतनगर थाने में न्याय नहीं, जातिवाद की राजनीति?
पीड़िता को नहीं मिला इंसाफ, SSP इटावा से लगाई गुहार
इटावा | संवाददाता विशेष
जनपद इटावा के थाना जसवंतनगर अंतर्गत एक नाबालिग बालिका के साथ हुई छेड़छाड़ की गंभीर घटना ने स्थानीय पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित परिवार का आरोप है कि थाना प्रभारी ने इस संवेदनशील मामले को दर्ज करने की बजाय उसे जानबूझकर जातिगत रंग देने का प्रयास किया और रिपोर्ट लिखने से इनकार कर दिया।
प्राप्त विवरण के अनुसार, सराय भूंपत कटे खेड़ा निवासी बृजेंद्र कुमार ने आरोप लगाया है कि दिनांक 2 मई 2025 को दोपहर 1:45 बजे उनकी 15 वर्षीय भतीजी अनुकृति को गांव निवासी सूरज जाटव व एक युवती बौबी ने बहला-फुसलाकर मोटरसाइकिल पर जबरन बैठाया और ले गए। गांव वालों के मुताबिक, जब सूरज अनुकृति को वापस ला रहा था, तब ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ में सूरज ने कथित तौर पर स्वीकार किया कि उसने अनुकृति के साथ अश्लील हरकतें कीं। विरोध करने पर सूरज और बौबी ने बालिका व उसकी बहन को गालियाँ दीं और धमकी दी कि यदि किसी को बताया तो जान से मार देंगे।
परिवार ने तत्काल पुलिस को सूचना दी और थाना जसवंतनगर में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुँचे, लेकिन वहां सुनवाई नहीं हुई। पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस ने गंभीर अपराध को नज़रअंदाज़ करते हुए इसे जातीय मुद्दे की दिशा में मोड़ने की कोशिश की। इससे आहत होकर पीड़ित बृजेंद्र कुमार ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, इटावा श्री संजय कुमार वर्मा को लिखित रूप से शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई है।
बृजेंद्र कुमार ने SSP से मांग की है कि दोषियों के विरुद्ध तत्काल प्राथमिकी दर्ज कर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि इस प्रकार पुलिस न्याय की बजाय पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाएगी, तो आमजन का कानून व्यवस्था से विश्वास उठ जाएगा।
अब देखना यह होगा कि SSP संजय कुमार वर्मा इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाते हैं।