
राज्य मंत्री मेघना बोर्डीकर ने लिया पुणे जिले के कार्यों का जायजा
नागरिकों के जीवन को सुगम बनाने के लिए नई तकनीकों का उपयोग करें – मेघना बोर्डीकर
पुणे: महाराष्ट्र सरकार द्वारा 100 दिनों की प्रशासनिक सुधार योजना के बाद अब “विकसित महाराष्ट्र”, ई-गवर्नेंस और सेवा केंद्रित सुधारों को गति देने के उद्देश्य से 150 दिनों का कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम में सभी विभागों को सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए और नागरिकों का जीवन सरल बनाने के लिए कार्यप्रणाली में नवीन तकनीकों का अधिकतम उपयोग करना चाहिए, ऐसा आह्वान राज्य की राज्यमंत्री मेघना बोर्डीकर ने किया।
वे पुणे जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित एक समीक्षा बैठक में बोल रही थीं। इस बैठक में सार्वजनिक आरोग्य और परिवार कल्याण, जल आपूर्ति व स्वच्छता, ऊर्जा, महिला व बाल विकास, और सार्वजनिक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
राज्यमंत्री बोर्डीकर ने कहा कि सभी विभाग अपने-अपने कार्यालयों की वेबसाइटों को अद्यतन रखें और कार्यालय में आने वाले प्रत्येक नागरिक की समस्या का समाधान प्राथमिकता से करें। ठोस कचरा और प्लास्टिक प्रबंधन के लिए जनभागीदारी आवश्यक है। इसके लिए स्वास्थ्य, जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग को सेवा-भावी संस्थाएं, सरपंच, वर्तमान व पूर्व पदाधिकारी आदि के साथ मिलकर ग्राम स्तर तक जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। इस दिशा में गट विकास अधिकारियों को भी आवश्यक निर्देश दिए जाने चाहिए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि लिंग अनुपात सुधारने के लिए जनजागृति होनी चाहिए और अगर किसी सोनोग्राफी केंद्र पर लिंग परीक्षण की सूचना मिले तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाए। उन्होंने 100% आंगनवाड़ियों में परसबाग (रसोई बाग) लगाने पर जोर दिया।
बोर्डीकर ने कहा कि पुणे जिले को हर क्षेत्र में पहले स्थान पर बनाए रखने के लिए सभी विभागों को मिलकर योगदान देना होगा। स्वास्थ्य विभाग को आंबेगांव, भोर और जुन्नर क्षेत्रों में रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया तुरंत पूरी करनी चाहिए। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि राज्य सरकार की सभी योजनाएं 100% लागू हों।
इस समीक्षा बैठक में महावितरण, महापारेषण, विद्युत निरीक्षक, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण, जल आपूर्ति व स्वच्छता, ऊर्जा, महिला व बाल विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं और उनकी वर्तमान स्थिति पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई।
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