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कमिश्नर ने समन्वित खेती करने वाले किसानों के प्रयासों का लिया जायजा

कमिश्नर ने समन्वित खेती करने वाले किसानों के प्रयासों का लिया जायजा

खेती के साथ पशुपालन, उद्यानिकी और मछलीपालन से ही बढ़ेगी किसानों की आय – कमिश्नर

 

रीवा (विशाल समाचार): रीवा जिले के कई किसान आधुनिक तरीके से समन्वित खेती के सफल प्रयोग कर रहे हैं। सीमित क्षेत्र में खेती, पशुपालन, मुर्गीपालन, बकरी पालन और मछलीपालन की इकाईयाँ स्थापित करके समन्वित खेती के सपने को साकार कर रहे हैं। रीवा संभाग के कमिश्नर बीएस जामोद ने कई गांवों का भ्रमण करके किसानों द्वारा समन्वित खेती के लिए किए जा रहे प्रयासों का जायजा लिया। कमिश्नर ने ग्राम अमवा, बहुरीबांध तथा कंजी में खेतों जाकर किसानों द्वारा किए जा रहे नवाचारों की जानकारी ली। कमिश्नर ने किसानों से चर्चा करते हुए कहा कि शासन की योजनाओं का लाभ लेकर किसान अपनी खेती को बेहतर करें। खेती के साथ-साथ पशुपालन, उद्यानिकी और मछली पालन से ही किसानों की आय बढ़ेगी। जैविक खेती, प्राकृतिक खेती और मोटे अनाजों की खेती सभी के लिए लाभदायक है। किसानों ने समन्वित खेती के जो प्रयोग किए हैं उसकी सफलता अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनेगी। भ्रमण के समय संयुक्त संचालक पशुपालन डॉ राजेश मिश्रा, उप संचालक कृषि यूपी बागरी, सहायक संचालक कृषि प्रीति द्विवेदी, उप संचालक मछली पालन डॉ अंजना सिंह तथा अन्य मैदानी कर्मचारी एवं किसान उपस्थित रहे।

 

कमिश्नर ने सबसे पहले गांव अमवा में सेवानिवृत्त बैंककर्मी उदयबहादुर सिंह द्वारा स्थापित बकरी इकाई का निरीक्षण किया। इसमें आधुनिक शेड में 400 बकरियों का पालन किया जा रहा है। इसके साथ-साथ 500 मुर्गियाँ भी पृथक शेड में पाली जा रही हैं। बकरी और मुर्गियों के लिए दाना तैयार करने की यूनिट और भूसा-चारा का भण्डार भी बनाया गया है। प्रगतिशील किसान श्री सिंह ने 12 एकड़ के क्षेत्र में कई प्रयोग किए हैं। बकरी पालन के साथ-साथ एक एकड़ के तालाब में मछली पालन भी किया जा रहा है। इसके साथ-साथ चार एकड़ क्षेत्र में अमरूद के पौधे लगाए गए हैं।

 

इसके बाद कमिश्नर ने ग्राम बहुरीबांध में श्री अरूण सिंह के खेत का निरीक्षण किया। श्री सिंह ने बताया कि 8 पक्के टैंक तथा पानी को साफ करने की यूनिट 50 लाख रुपए की लागत से बनाई गई है। इससे 6 माह में प्रत्येक टैंक से 300 किलो मछली प्राप्त हो जाती हैं। मछली बीज संचयन के लिए कच्चा तालाब भी बनाया गया है। इसके साथ-साथ एक एकड़ में गर्मी की मूंग की खेती जैविक विधि से की गई है। परिसर में चार माह पहले 150 ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाए गए हैं। इससे तीन माह में फल प्राप्त होने लगेगा। यह बाजार में 150 रुपए किलो की दर से रीवा में ही बिक्री हो जाएगा। मछली पालन कच्चे तालाब के चारों ओर चंदन के 70 पौधे तथा ताइवान किस्म के पपीते भी लगाए गए हैं। इनसे भी अतिरिक्त आय होगी।

 

इसके बाद कमिश्नर ने ग्राम कंजी में विन्ध्यांचल सीड प्रोडक्शन किसान संघ के कार्यों का अवलोकन किया। मौके पर उपस्थित किसान संघ के कृष्णधर द्विवेदी शास्त्री जी तथा संचालक सर्वेश सिंह ने बताया कि किसान संघ 2017 से किसानों से अनाज खरीदकर उसकी ग्रेडिंग करके प्रमाणित गुणवत्तापूर्ण बीज के रूप में किसानों को उपलब्ध कराता है। नाबार्ड के सहयोग से 60 लाख रुपए की लागत से बीज ग्रेडिंग यूनिट और गोदाम का निर्माण किया जा रहा है। मिलेट मिशन से जुड़कर 1100 क्विंटल कोदौ किसानों से खरीदकर भण्डारित किया गया है। इस वर्ष किसानों को 2500 क्विंटल बीज उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। हमारी कंपनी का वार्षिक टर्न ओवर एक करोड़ 79 लाख रुपए है। किसान संघ द्वारा धान और गेंहू के बीज तैयार किए जा रहे हैं। किसान संघ से लगभग 5 हजार किसान जुड़े

हुए हैं।

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