सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट द्वारा ‘जेनेरिक आधार’ के संस्थापक अर्जुन देशपांडे को प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया के हाथों ‘सूर्य भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार-2022’ प्रदान
पुणे : ‘विश्व फार्मासिस्ट दिवस’ के अवसर पर, भारत की सबसे तेजी से बढ़ती फार्मा कंपनी जेनेरिक आधार, सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट संचलित सूर्यदत्त कॉलेज ऑफ फार्मेसी हेल्थकेयर एंड रिसर्च और पुणे के फार्मेसी कॉलेजों के सहयोग से फार्मासिस्ट छात्रों के लिए भारत का सबसे बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया था। इस वर्ष का लक्ष्य दुनिया भर में स्वास्थ्य पर फार्मेसी के सकारात्मक प्रभाव को प्रदर्शित करना और पेशे की एकता को और मजबूत करना है।
सूर्यदत्त’ के बावधन परिसर में बंसी-रत्न सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान भारत के सबसे युवा उद्यमी 20 वर्षीय जेनेरिक आधार के संस्थापक और सीईओ अर्जुन देशपांडे, ‘सूर्यदत्त’ के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ संजय बी. चोरडिया, उपाध्यक्ष सुषमा चोरडिया, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, महाराष्ट्र के सह आयुक्त एस. बी पाटिल, एमसीई सोसायटी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी के प्राचार्य डॉ. वी एन जगताप, भारती यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी के प्राचार्य डॉ. हणमंतराव कदम, वाइस प्रिंसिपल प्रो. पोपट आबासाहेब जाधव, व्याख्याता प्रा. प्रवीण जावळे, जेएसपीएम इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी के प्राचार्य डॉ. प्रफुल्ल आडकर आदि उपस्थित थे।
प्रा. अर्जुन देशपांडे को फार्मा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट द्वारा प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया के हाथो ‘सूर्य भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार-2022’ प्रदान किया गया। 30 महाविद्यालयों के प्राचार्यों को सूर्यदत्त द्वारा सर्टिफिकेट ऑफ एक्सलन्स और 30 छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। कार्यक्रम में मंच पर उपस्थित प्राचार्य को फार्मा एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम में पांच हजार से अधिक छात्रों ने भाग लिया था। साथ ही, भारत भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 25 हजार से अधिक छात्रों ने ऑनलाइन भाग लिया। अर्जुन देशपांडे ने छात्रों के साथ खुलकर चर्चा कर उनकी शंकाओं को दूर करके फार्मा क्षेत्र के नए पहलुओं को उजागर किया। आज जेनेरिक आधार की 150 से अधिक शहरों में सुविधा है।
“फार्मासिस्ट दुसरे डॉक्टर है। वह एक ऐसे कोरोना योद्धा थे जो कोरोना काल में सबसे आगे रहे थे। वह देश के साथ खड़े रहे। आज 2022 के फार्मासिस्टों के राष्ट्रीय सम्मेलन ने दवा उद्योग में इतिहास रच दिया है। इस क्षेत्र में फार्मासिस्टों की स्वीकृति कई वर्षों तक सीमित थी। लेकिन आज, 30,000 से अधिक फार्मेसी छात्रों और 100 से अधिक विश्वविद्यालयों के साथ, हमने फार्मा क्षेत्र को स्वास्थ्य सेवा की दुनिया की बेहतरी के लिए एक नई दिशा देने के लिए इस मिशन को शुरू किया है, ” ऐसा प्रा. अर्जुन देशपांडे ने कहा।
प्रो डॉ संजय बी. चोरडिया ने कहा, “फार्मा उद्योग के लिए पुणे एक अनुकूल स्थान है। फार्मा और हेल्थकेयर आज के समय की जरूरत बनी है। इस क्षेत्र में बहुत बड़े अवसर हैं। अर्जुन देशपांडे ने केवल सोलह साल की उम्र में जेनेरिक आधार की शुरुआत की थी और उनके बीस वर्षों के उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए सूर्यदत्त की ओर से उन्हें सम्मानित करते हुए हमें प्रसन्नता हो रही है। जीवन की यात्रा में कठिनाइयाँ, उतार-चढ़ाव आते हैं। बिना डगमगाए इसका सामना करना पड़ता है। यदि आप कड़ी मेहनत करते हैं, तो सफलता अवश्य ही आती है। ”
सूत्रसंचालन ‘सूर्यदत्त’ के निदेशक प्रो. प्रशांत पितालिया और प्राची गडकरी ने किया।