राजस्थान

जम्मू-कश्मीर के गुर्जर बककरवालो के साथ उनकी आरक्षण बचाने की लड़ाई में देश के सभी गुर्जर उनके साथ

जम्मू-कश्मीर के गुर्जर बककरवालो के साथ उनकी आरक्षण बचाने की लड़ाई में देश के सभी गुर्जर उनके साथ हैं ।

जम्मू-कश्मीर के गुर्जर बककरवालो के आरक्षण के साथ छेड़छाड़ को देश का गुर्जर समाज बर्दास्त नहीं करेगा।

धौलपुर राजस्थान: अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय संरक्षक व संस्थापक नरेंद्र गुर्जर के निर्देशानुसार देश के सभी जिलास्तर व राज्य स्तर पर जम्मू-कश्मीर के (एसटी) वर्ग के आरक्षण के साथ सरकार द्वारा छेड़छाड़ किए जाने के विरोध मे ज्ञापन देकर विरोध प्रदर्शन किए जाने का फैसला किया है इसी क्रम में अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा धौलपुर के द्वारा धौलपुर जिला कलेक्टर महोदय को ज्ञापन सोंपकर महासभा के पदाधिकारियों के द्वारा जम्मू-कश्मीर के अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग में अगड़ी जातियों (जो जनजाति नहीं हैं) उनको जोड़े जाने के विरोध में जोरदार प्रदर्शन कर मांग की गई कि जम्मू कश्मीर की अगडी जातियों को यह (एसटी)का आरक्षण नहीं दिया जाए क्योंकि येसा करना असंवैधानिक है।
बतादें कि देश के गुर्जर समाज ने एक जुटता दिखाते हुए जम्मू-कश्मीर के अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग में अगड़ी जातियों (जो जनजाति नहीं हैं) उनको जोड़े जाने के विरोध में जंतर मंतर पर जोरदार प्रदर्शन किया, जिसमें पथिक सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुखिया गुर्जर व अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय संरक्षक व संस्थापक नरेंद्र गुर्जर तथा अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग गुर्जर की महत्वपूर्ण भागीदारी रही।
अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री गंगाराम गुर्जर व गुर्जर कर्मचारी अधिकारी कल्याण परिषद के जिलाध्यक्ष व एबीवीजीएम के पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज पोषवाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के गुर्जर बककरवालो के अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षण में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ को देश का गुर्जर समाज बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा। सरकार ने जीडी शर्मा कमिशन बनाई थी जिसने अपनी एकतरफा अन्तरिम रिपोर्ट में पहाड़ी भाषा बोलने वाले लोगों को बिना किसी सर्वे और ना ही पक्षकारों के पक्ष को सुने अपना फैसला दे दिया जो ना सिर्फ गैरकानूनी है बल्कि गैर-संवेधानिक भी है,पहाड़ी भाषा बोलने वाले लोग विकास में काफी आगे निकल चुके हैं जिनको जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग में जोड़ने की कवायद चल रही है और यदि ऐसा हुआ तो गुर्जर बककरवाल लोगों के हालात बद से बदतर हो जाएंगे और हमारे देश का बार्डर भी सुरक्षित नही रहेगा जम्मू-कश्मीर के गुर्जर बककरवाल हमेशा से राष्ट्रभक्त रहे हैं जिन्होने हमेशा उग्रवाद से लड़ते हुए भारत की सरहदों की रक्षा की है और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में हिस्सा लेने वाले असामजिक देश विरोधी तत्वों का खुलकर विरोध किया,येसे देशभक्त जम्मू-कश्मीर के गुर्जर बककरवालो को सहूलियतें देने की जगह सरकार उनके हकों को छीन रही है जिसको किसी भी सूरत में बिलकुल बरदास्त नही किया जाएगा।
राष्ट्रीय वीर गुर्जर महासभा के जिलाध्यक्ष रोहित गुर्जर व एशवीर पोषवाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के गुर्जर बककरवालो को अनुसूचित जनजाति (एसटी) के सारे पैमाने पर खरे उतरने के कारण ही संविधान के तहत केवल 3 से 4 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति (एसटी) का लाभ मिल पाया है क्योंकि उनकी सामाजिक और आर्थिक प्रस्तीथियाँ उनको उचित शिक्षा नही लेने देती जिससे वे सरकारी नोकरियों के लिए तेयार नही हो पाते। इन गुर्जर बककरवालो को एसटी का आरक्षण पीढ़ी दर पीढ़ी विरासत में मिला है जबकि सरकार पहाड़ी भाषा बोलने वाले लोगों को बिना किसी वैज्ञानिक तथ्य के जनजाति घोषित किया जा रहा है जो बिल्कुल गलत है।
मानसिंह चन्देला, दाताराम गुर्जर,रामबरन कपासिया ने यह भी कहा कि गुर्जर एक ऐसी बिरादरी है जो धर्मनिरपेक्ष है जो हिन्दू, मुस्लिम, सिख तथा जैन इन सभी धर्मों में पाई जाती है,हम गुर्जर चाहे कोई भी धर्म को अपनाए पर हम सब कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक हैं और जम्मू-कश्मीर के गुर्जर बककरवालो का साथ देने के लिए पूरे हिंदुस्तान के गुर्जर उनकी इस लड़ाई में हर प्रकार से उनके साथ हैं।
इस अवसर पर यहां मानसिंह चन्देला, जयसिंह गुर्जर,चन्द्रभान चौधरी, गंगाराम गुर्जर, मनोज पोषवाल, दाताराम गुर्जर भारत गुर्जर ,जसवंत गुर्जर, रोहित गुर्जर, एशवीर पोषवाल, नरेश कुमार गुर्जर चन्देला, शैलेन्द्र पोषवाल मनियां, ओमवीर, राजवीर आदि लोग उपस्थित थे.

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