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श्री समर्थ विष्णुदास वारकरी कुश्ती महावीर प्रतियोगिता २७ जून को(वारकरियों के लिए अभिनव पहल)

श्री समर्थ विष्णुदास वारकरी कुश्ती महावीर प्रतियोगिता २७ जून को(वारकरियों के लिए अभिनव पहल)

पुणे: विश्व शांति केन्द्र (आलंदी), माईर्स एमआईटी, श्री क्षेत्र आलंदी-देहू-पंढरपुर परिसर विकास समिति और महाराष्ट्र राज्य कुश्तीगीर परिषद के संयुक्त रूप  से २७ जून  को दोपहर १.३० बजे से शाम ७.३० बजे तक श्री समर्थ विष्णुदास वारकरी कुश्ती महावीर प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है. यह प्रतियोगिता विश्वशांति गुरुकुल वाखरी, पंढरपुर में होगी. इस प्रतियोगिता के लिए अधिक से अधिक वारकरियोंं को भाग लेने की अपील माईर्स एमआईटी शिक्षा संस्था समूह के प्रबंधकीय विश्वस्त और कार्यकारी अध्यक्ष राहुल विश्वनाथ कराड तथा वारकरी कुश्ती महावीर प्रतियोगिता के संयोजन समिति के सचिव विलास कथुरे ने की है.
प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह में उर्वरित महाराष्ट्र विकास महामंडल केे मा.अध्यक्ष उल्हास पवार बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे. साथ ही हिंद केसरी दीनानाथ सिंह, हिंद केसरी जगदीश कालीरमन, महाराष्ट्र केसरी आप्पासाहेब कदम, पंढरपुर के विधायक समाधान अवताडे और महाराष्ट्र के पूर्व आदिवासी विकास मंत्री बबनराव पाचपुते भी मौजूद रहेंगे. कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री क्षेत्र आलंदी देहू पंढरपुर परिसर विकास समिति के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. डॉ. विश्वनाथ दा. कराड निभायेंगे.
जिन वारकरियोंं को इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेना है वे सभी २७ जून को सुबह ७.३० बजे विश्वशांति गुरुकुल के मुख्य द्वार पर अपना नाम दर्ज कराएं. साथ में अपना पहचान पत्र पास में रखें. अधिक जानकारी के लिए डॉ.पी.जी.धनवे से मो.नं. ९८२२६२६००६ तथा विलास कथुरे से मो. नं. ९८५०२११४०४ पर संपर्क कर सकते है.
यहां पर विशेष आकर्षण यह है कि योग महर्षि रामचंद्र गोपाल शेलार उर्फ शेलारमामा की याद में तंदुरुस्त ऐसे ७० वर्ष के आगे वाले  पहलवानों के लिए अलग कुश्ती प्रतियोगिता उसी दिन होगी.
१६ से २५ आयु वर्ग के विजेता को कुमार वारकरी कुश्ती महावीर, पुरस्कार, ५६ से ६५ आयु वर्ग के विजेता को वारकरी कुश्ती महावीर पुरस्कार और ७० वर्ष के आगे वाले विजेताओं को वरिष्ठ वारकरी कुश्ती महावीर पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. विजेता पहलवानों को सम्मानित पगडी, माऊली व जगदगुरू की प्रतिमा, शॉल, स्मृति चिन्ह, स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक तथा नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
महाराष्ट्र की लोककला को पुनर्जीवित करने के लिए उसी दिन रात ८ बजे से ११ बजे तक डॉ. संजय उपाध्ये और हभप सुदाम महाराज पानेगावकर की उपस्थिती में शांति ब्रह्म संत एकनाथ महाराज के विख्यात नाथ के भारूड एवं गवळणी प्रतियोगिता संपन्न होने जा रही है.

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