आगरा

एक-एक अक्षर इतिहास है, उसे संवारोः सोम ठाकुर साहित्य में सकारात्मक सोच जरूरीः डा.लवकुश मिश्रा अ.भा. कवि सम्मेलन में नौ पुस्तकों का विमोचन

एक-एक अक्षर इतिहास है, उसे संवारोः सोम ठाकुर
साहित्य में सकारात्मक सोच जरूरीः डा.लवकुश मिश्रा
अ.भा. कवि सम्मेलन में नौ पुस्तकों का विमोचन

विशाल समाचार टीम आगराः विख्यात कवि सोम ठाकुर ने कहा है कि साहित्य का एक-एक अक्षर इतिहास बनाता है। इसलिए उसे संवारना बहुत जरूरी है। युवा पीढ़ी सत्साहित्य का सृजन करे, तभी हमारे देश का भविष्य स्वर्णिम हो सकेगा।
संजय प्लेस स्थित यूथ हॉस्टल में विस्तार पब्लिकेशंस नई दिल्ली ने अविरल साहित्य, मुंबई एवं जगद् गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग कल्याण संस्थान, फरह के संयुक्त सौजन्य से अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं पुस्तक विमोचन समारोह का आयोजन किया गया । समारोह के अध्यक्ष सोम ठाकुर ने अपना गीत ‘मेरे भारत की माटी है चंदन और अबीर’ गीत सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
डा.भीमराव आंबेडकर विवि के पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन विभागाध्यक्ष प्रो.लवकुश मिश्रा समारोह के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि साहित्य में सकारात्मक सोच बहुत जरूरी है, तभी साहित्य नई पीढ़ी को नए संदेश और नई प्रेरणा दे सकेगा।
विशिष्ट अतिथि साहित्यसेवी आदर्श नंदन गुप्त थे जो देश के जाने माने संपादक एवं रिपोर्टर रह चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम समाज में एकता लाते हैं, निरंतर होने चाहिए।
इटावा के मजिस्ट्रेट राज सिंह भी विशिष्ट अतिथि के तौर पर आमंत्रित थे, मगर सरकारी व्यवस्थाओं के कारण नहीं आ सके, उन्होंने अपनी शुभकामनाएं भेज दी थीं।

कार्यक्रम का आगाज़ विस्तार पब्लिकेशंस के संस्थापक अनुराग सक्सेना द्वारा स्वागत स्पीच से हुआ एवं स्पीच के अंत में “कुछ कहता चल” नामक कविता भी सुनाई। ।
देश विदेश से आमंत्रित सभी रचनाकारों एवं कवियों ने काव्य पाठ किया एवं मनमोहक रचनाएं सुनाईं । बीच-बीच में जगदगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग कल्याण संस्थान के छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों जैसे सरस्वती वंदना, स्वागत गायन, दीप सॉन्ग, समूह नृत्य, एकल नृत्य भजन-ग़ज़ल इत्यादि प्रस्तुत किए गए जिसने दर्शकों में उत्साह बनाए रखा।
इसके उपरांत आदरणीय सोम ठाकुर के कर कमलों द्वारा “काव्य-विस्तार” नामक साझा संग्रह का विमोचन किया गया जिसमें 65 रचनाकारों की रचनाएं सम्मलित थीं एवं अल्पना डाॅ अल्पना दीक्षित जी की “बेइंतहा इश्क”; आचार्य सूर्यप्रसाद निशार की “अपूर्ण इच्छा” एवं “अपना जीवन”; महेश चंद्र गुप्त जी की “धूप और छांह”, “मेरी ग़ज़ल के तेरह वर्ष”, “सीधी तिरछी रांहे”; रश्मि शर्मा की “रश्मि की रोशनी” एवं सांत्व्ना गौड़ की “सांत्वना” नामक पुस्तकों का भी विमोचन किया गया।
कार्यक्रम का संचालन इंटरनेशनल ख्याति प्राप्त शायरा डा. आरिफा शबनम एवं दिल्ली की सांत्वना गौड़ द्वारा किया गया ।
कार्यक्रम को सफल बनाने में जगदगुरु रामभद्राचर्या दिव्यांग कल्याण संस्थान के अध्यक्ष श्री रवि दिनकर जी, मुकेश अग्रवाल (कोषाध्यक्ष), श्रीमती ममता अग्रवाल, श्रीमती बेबी नाज़ ने भी पुरजोर मेहनत की और हरसंभव प्रयास किया।
कार्यक्रम के अंत में विस्तार पब्लिकेशंस के फाउंडर डाॅ. अल्पना दीक्षित एवं अनुराग सक्सेना द्वारा सभी रचनाकारों को सम्मानित किया गया, एवं डाॅ अल्पना जी ने सभी आगुंतकों एवं प्रेस कर्मियों, एवं सभी सहयोगियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस तरह विस्तार पब्लिकेशंस एवं अन्य सहयोगियों द्वारा एक सफल कार्यक्रम आयोजित किया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button