वि.स.शिवराज सिंह जसवंतनगर
इटावा: एनएचएआई के अफसरों ने कहा, अभी आदेश आने का इंतजार फर्रुखाबाद/बरेली। इटावा-बरेली हाईवे को फोरलेन बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 326 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण कराया जाएगा। जिले के 35 गांवों से होकर गुजरने वाले फोरलेन हाईवे के निर्माण के लिए 36 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की जाएगी। सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है। हालांकि बरेली में एनएचएआई के अफसरों का कहना है कि इस बारे में अभी उनके पास औपचारिक तौर पर कोई सूचना नहीं भेजी गई है।
जनपद इटावा से पीलीभीत तक 240 किमी फोरलेन हाईवे का निर्माण कराया जाएगा। इसे छह हिस्सों में बांटा गया है। केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राज्यमार्ग मंत्रालय से निर्माण के लिए परियोजना कार्यान्वयन इकाई (पीआईयू) फर्रुखाबाद व शाहजहांपुर को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है। बेवर से रामगंगा पुल तक 52.770 किमी दूरी के फोरलेन हाईवे में 49.220 किमी क्षेत्र फर्रुखाबाद इकाई क्षेत्र में है।
हाईवे 35 गांवों से होकर निकलेगा जबकि 3.50 किमी भाग जनपद मैनपुरी में है। इस क्षेत्र में चार गांवों से भूमि अधिग्रहीत होगी। कुल 326 करोड़ रुपये की इस परियोजना में सड़क निर्माण के लिए 231.39 करोड़ रुपये का टेंडर हो चुका है। इसमें हाईवे के अलावा 36 हेक्टेयर और भूमि की जरूरत होगी। इसे अधिग्रहीत किया जाएगा। किसानों से भूमि अधिग्रहण के लिए पीआईयू द्वारा एडीएम को पत्र भेजा गया है। वहीं सड़क निर्माण के लिए बेवर से सर्वे शुरू कर दिया गया है। हालांकि फोरलेन हाईवे का स्थान के हिसाब से स्वरूप भी बदलेगा। कुछ स्थानों पर दो लेन का ही हाईवे बनेगा। फिलहाल किसी भी स्थान पर सड़क की चौड़ाई 10 मीटर से कम नहीं रहेगी।
वन विभाग से नहीं मिली एनओसी
फोरलेन हाईवे निर्माण के लिए पीआईयू की ओर से सितंबर 2020 में वन विभाग को पत्राचार कर एनओसी मांगी गई थी। आठ माह बाद भी अभी निर्माण इकाई को एनओसी नहीं मिल सका है।
भूमि अधिग्रहण के लिए अपर जिलाधिकारी को पत्र भेजा जा चुका है। वहीं सड़क निर्माण के लिए सर्वे शुरू कर दिया गया।- ललित प्रताप पाल, परियोजना निदेशक, पीआईयू।