विशाल समाचार टीम इटावा
इटावा (यूपी):भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा (भाजयुमो) के नए जिलाध्यक्ष विवेक चौधरी ने रविवार को सफाई दी है कि उन्होंने एसपी सिटी को थप्पड़ नहीं मारा था। वह घटना के वक्त मौके पर जरूर थे, लेकिन आरोप बेबुनियाद है। यह उन्हें बदनाम करने की राजनीतिक साजिश है। हालांकि, उन्हें इस मामले में जेल भेजा गया था।
ब्लाक प्रमुख चुनाव के दौरान 10 जुलाई को बढ़पुरा में बवाल हुआ था। इस दौरान भीड़ में तत्कालीन एसपी सिटी प्रशांत कुमार को किसी ने थप्पड़ मार दिया था। मामले में मुख्य आरोपित विमल भदौरिया को बनाया गया था। बाद में वीडियो के जरिये पहचान कर विवेक चौधरी को भी जेल भेज दिया गया था। उन्हें मामले में अदालत से जमानत मिल गई थी। भाजयुमो का जिलाध्यक्ष बनाए जाने के बाद फिर आरोप चर्चा में आने पर विवेक ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जब हंगामा हुआ था तो वे भीड़ में खड़े थे। न तो उन्होंने एसपी को थप्पड़ मारा और न ही कोई हंगामा किया। घटना के बाद पुलिस ने वीडियो फुटेज के आधार पर उन्हें जेल भेज दिया था। वहीं, एसएसपी डा. बृजेश कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि एफआइआर में विवेक चौधरी नामजद नहीं थे। वीडियो फुटेज के आधार पर उन्हें जेल भेजा गया था। हलांकि, दैनिक जागरण ऐसे किसी वीडियो फुटेज की पुष्टि नहीं करता है।
इनका ये है कहना
विवेक चौधरी का नाम जिले के संगठन द्वारा पैनल में भेजा गया था। एसपी सिटी को थप्पड़ मारने का प्रकरण मेरे संज्ञान में नहीं था। अब जानकारी में आया है। पूरे मामले में जांच कराई जाएगी। प्रांशुदत्त द्विवेदी, प्रदेश अध्यक्ष, भाजयुमो।