उत्तर प्रदेश

आए थे रिश्ता खत्म करने.. एक दूसरे का हाथ थामे घर लौटे

आए थे रिश्ता खत्म करने.. एक दूसरे का हाथ थामे घर लौटे

छोटी-छोटी बातों पर रिश्तों को खत्म करने की अर्जी देने वालों का सुलझ-समझौता कराया गया

परिवार न्यायालय में 121 वादों का निस्तारण, 30 जोड़ों की फिर से हुई विदाई

गोरखपुर यूपी :परिवार न्यायालय में तलाक की अर्जी देने वाले बृजेश और सरिता एक दूसरे के साथ रहने को तैयार नहीं थे। वह रिश्ते को खत्म करना चाहते थे। परिवार न्यायालय में शनिवार को रिश्तों को फिर से बसाने की कोशिश की गई। दोनों से बातचीत करने पर पता चला कि उनके बीच कोई विवाद नहीं सिर्फ मनमुटाव है। उन्हें समझाया गया। कानून के पहलू, समाज की बातें बताई गईं तो दोनों एक दूसरे का हाथ थामने को तैयार हो गए। दोनों ने एक दूसरे को फूलों की माला पहनाई और हंसी-खुशी साथ गए।

यह महज एक उदाहरण है। शनिवार को परिवार न्यायालय में लगे राष्ट्रीय लोक अदालत में ऐसे 30 जोड़े फिर से एक साथ रहने को तैयार हो गए और परिवार वालों के साथ खुशी-खुशी लौट गए। प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।

 

परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश राजेश्वर शुक्ल, अपर प्रधान न्यायाधीश नीलू मोघा, अशोक कुमार-द्वितीय और रेनू सिंह उपस्थित रहीं। सभी पीठासीन अधिकारियों के सहयोग से परिवार न्यायालय में कुल 121 मुकदमे निस्तारित किए गए। इस दौरान छोटी-छोटी बातों को लेकर पति और पत्नी के बीच चल रहे विवादों का सुलह समझौते के आधार पर निस्तारण कराया गया।

परिवार में छोटी-छोटी बातों को लेकर हुए विवाद में दंपतियों के बीच तलाक लेने की नौबत आ गई। खटास को दूर करने के लिए न्यायिक अधिकारियों ने पहल की। पक्षकारों को समझा कर मामलों का निस्तारण कराया। इस दौरान प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय में बृजेश बनाम सरिता और राहुल बनाम अर्चना में पक्षकारों के विवाह-विच्छेद के लिए दाखिल वाद को खत्म कराया गया।

पीठासीन अधिकारियों के समक्ष सभी जोड़ों ने दोबारा वैवाहिक जीवन स्थापित करने का निर्णय लिया। इस दौरान 30 जोड़ों की विदाई न्यायालय से फूल-माला पहनाकर कराई गई।

 

 

 

 

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