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हम युवा प्रतिभाओं के लिए लाइफलॉन्ग लर्निंग को एक मूलभूत आवश्यकता बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं” – श्री जयन्त चौधरी

हम युवा प्रतिभाओं के लिए लाइफलॉन्ग लर्निंग को एक मूलभूत आवश्यकता बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं” – श्री जयन्त चौधरी

 

पुणे: आज नई दिल्ली के कौशल भवन में विभिन्न स्किल इंडिया योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से अपने कौशल को निखारने वाले अनेक प्रतिभाशाली युवा प्रोफेशनल जब संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त “विश्व युवा कौशल दिवस” को मनाने एक साथ आए तो यह कौशल भवन उत्साह और उमंग से भर गया। इस विशेष दिवस और स्किल इंडिया मिशन के 10वें वर्ष के समारोह की शुरुआत के अवसर पर, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) ने एक “कौशल संवाद” का आयोजन किया। यह एक खुला संवाद और एक ऐसा मंच था जो इस गतिशील विचारों के आदान-प्रदान का मंच बन गया, जहां इन उभरते सितारों को एमएसडीई के माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री जयन्त चौधरी के साथ बातचीत करने का अवसर मिला।

इनकी कहानियाँ सिर्फ़ कहानियाँ नहीं थीं; वे बदलाव के ज्वलंत उदाहरण थे, जैसेकि एक खाली कैनवास रंगों के स्पेक्ट्रम के साथ जीवंत हो रहा हो। हर एक ने बताया कि कैसे कौशल विकास ने न केवल उनके भविष्य को नया आकार दिया है, बल्कि उनके भीतर जुनून और प्रेरणा को भी पैदा किया है।

 

उनके गुरुओं, कौशल प्रशिक्षकों जिन्होंने उन्हें अटूट प्रतिबद्धता के साथ उनका मार्गदर्शन किया, की उपस्थिति ने इस अवसर को और भी सफल बना दिया। उनकी सामूहिक ऊर्जा और उत्साह ने स्किल इंडिया मिशन का गहरा प्रभाव दिखाया और संभावनाओं से भरे भविष्य की एक झलक पेश की।

 

माननीय मंत्री के लिए विभिन्न योजनाओं के युवा प्रोफेशनल्स के साथ बातचीत करना वास्तव में प्रेरणादायक और दिल को छूने वाला था। इसमें पीएमकेवीवाई (प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना), पीएम विश्वकर्मा, एनएपीएस (राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना), जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) जैसी योजनाओं के लाभार्थी/उम्मीदवार शामिल थे, जबकि कुछ निस्बड (राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान) के सफल उद्यमियों, संकल्प (आजीविका संवर्धन के लिए कौशल अधिग्रहण और ज्ञान जागरूकता) के लाभार्थियों और आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) के छात्रों और अन्य का प्रतिनिधित्व करते थे। उम्मीदवारों ने अपने सीखने के अनुभव साझा किए और व्यापक रोजगार के अवसरों और उद्यमिता के लिए खुद को कौशल से लैस करने के महत्व पर प्रकाश डाला।

 

इस कार्यक्रम में एमएसडीई के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी, एमएसडीई के सीनियर इकोनोमिक एडवाइजर श्री नीलांबुज शरण, एमएसडीई की डीजी ट्रेनिंग सुश्री त्रिशालजीत सेठी, एमएसडीई की संयुक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार सुश्री मधुमिता दास, एमएसडीई की संयुक्त सचिव सुश्री सोनल मिश्रा, एमएसडीई की संयुक्त सचिव सुश्री हेना उस्मान और एनएसडीसी के सीईओ और एनएसडीसी इंटरनेशनल के एमडी श्री वेद मणि तिवारी सहित कई प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

 

इसके अलावा, इस कार्यक्रम में उपस्थित उम्मीदवारों को किसान ड्रोन ऑपरेटर, हेयरड्रेसर, गोल्डस्मिथ, जर्मन भाषा प्रशिक्षक, जापानी भाषा प्रशिक्षक, सोलर पीवी इंस्टॉलर, एयरलाइन कस्टमर केयर रिप्रिजेन्टेटिव, एचवीएसी टेक्नीशियन और ट्रैवल हॉस्पिटैलिटी स्पेशलिस्ट सहित विभिन्न पारंपरिक और नए जमाने के जॉब रोल में प्रशिक्षित किया गया। कारपेन्टरी और ऑटोमोबाइल जैसे पारंपरिक रूप से पुरुष प्रधान जॉब रोल्स में महिलाओं की भागीदारी मंत्रालय के समावेशी और विविध कार्यबल को बढ़ावा देने के सतत प्रयासों का प्रमाण है। चेन्नई, श्रीनगर, गुवाहाटी, लद्दाख और कश्मीर के उम्मीदवार भी अपनी कहानियाँ सभी के साथ साझा करने के लिए वर्चुअल रूप से शामिल हुए।

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