एक्शन में योगी सरकार, वेटिंग लिस्ट में भेजे गए IAS मनोज सिंह; पद से हटाने की इनसाइड स्टोरी
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार इस वक्त फुल एक्शन मोड में है. 13 नवंबर को राज्य में उपचुनाव भी है. इससे पहले योगी सरकार ने 10 आला अधिकारियों के ट्रांसफर कर दिए. यही नहीं 1989 बैच के IAS मनोज सिंह को उनकी रिटायरमेंट होने से कुछ दिन पहले ही वेटिंग लिस्ट में भेज दिया गया है. उन पर मनमाने तरीके से काम करने को लेकर ये कार्रवाई की गई है.
एक्शन में योगी सरकार, वेटिंग लिस्ट में भेजे गए IAS मनोज सिंह; पद से हटाने की इनसाइड स्टोरी
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार इस वक्त फुल एक्शन मोड में है. 13 नवंबर को राज्य में उपचुनाव भी है. इससे पहले योगी सरकार ने 10 आला अधिकारियों के ट्रांसफर कर दिए. यही नहीं 1989 बैच के IAS मनोज सिंह को उनकी रिटायरमेंट होने से कुछ दिन पहले ही वेटिंग लिस्ट में भेज दिया गया है. उन पर मनमाने तरीके से काम करने को लेकर ये कार्रवाई की गई है.
साल 1989 बैच के IAS मनोज सिंह अगले महीने 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले हैं. उससे पहले ही देर रात उन्हें वन एवं पर्यावरण से हटाकर वेटिंग लिस्ट में कर दिया गया है. प्रमुख सचिव वन पर्यावरण को वेटिंग लिस्ट में भेजे जाने के मामले में असल वजह यह है कि एसओ वी एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड उन्नाव, अल हक फूड्स प्राइवेट लिमिटेड उन्नाव और अल नासिर एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड गाजियाबाद इन तीन स्लॉटर हाउस को गलत तरीके से एनओसी दी गई थी.
मनोज सिंह के कार्यकाल में हुईं गड़बड़ियां
स्लॉटर हाउस को एनओसी देने में गड़बड़ियां सामने आने पर यह सभी कार्रवाई की गई हैं. बताया जा रहा है कि ये गड़बड़ियां उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष मनोज सिंह के कार्यकाल में हुई थी. इसलिए रविवार को शासन ने उन्हें भी अपर मुख्य सचिव वन के पद से हटाते हुए वेटिंग लिस्ट में कर दिया है. अगले महीने रिटायरमेंट से पहले मनोज सिंह कई ऐसे फैसले लेने के लिए दबाव डालकर नियमों में परिवर्तन करा रहे थे. शासन स्तर पर जब ऐसी कई गड़बड़ियों की बात सामने आई तब जाकर यूपी की ब्यूरोक्रेसी में ताकतवर आईएएस के खिलाफ कार्रवाई हुई.
इन दो अधिकारियों को किया गया सस्पेंड
तीनों स्लॉटर हाउस को मनमाने ढंग से काम करने के लिए प्रमुख सचिव ने दबाव डालकर व्यवस्था में बदलवा कराया. इस मामले में मुख्य सचिव की ओर से मांगी गई रिपोर्ट में दोषी पाते हुए तत्कालीन मुख्य पर्यावरण अधिकारी विवेक राय को भी निलंबित किया गया है. विवेक राय के अलावा उन्नाव के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. अनिल माथुर को भी सस्पेंड कर दिया गया है.