विशाल समाचार टीम
सीतामढी :हिंदी हमारी राष्ट्रीयता एवं संस्कृति की प्रतीक है विश्व की सबसे प्राचीन समृद्धि तथा महान भाषा होने के साथ ही हमारी राजभाषा भी है जो सशक्त एवं स्वतंत्र भारत के निर्माण की न्यू है बातें आज एसएलके कॉलेज सीतामढ़ी में हिंदी पखवारा के अवसर पर आयोजित आप भी समारोह में बोलते हुए प्रचार फिशर डॉक्टर अनिल कुमार सिन्हा ने कहीं । उन्होंने कहा कि विश्व की दुसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। उन्होंने ने कहा कि देश की एकता संप्रभु अखंडता के लिए राष्ट्र में अपनी भाषा का होना अत्यंत आवश्यक है। भारत और अन्य देशाें में लगभग सत्तर करोड़ लोग हिंदी बोलते हैं।
राजनीतिक संघर्ष में हिंदी का विकास जितना होना चाहिए था नहीं हुआ । राष्ट्र भाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है। प्रो० सिन्हा ने कहा कि हिंदी को सम्मान मिलेगा देश का गौरव बढ़ेगा । प्रो० सिन्हा ने कहा कि एक भाषा के रूप में हिन्दी न सिर्फ़ भारत की पहचान है बल्कि हमारे जीवन मूल्य , संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है । वहीं शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो० सुजय कुमार ने कहा कि हिन्दी बहुत ही सहज सुगम भाषा होने के साथ विश्व की सबसे वैज्ञानिक भाषा है।
सचिव प्रो० ललन कुमार राय ने हिन्दी को आम आदमी की भाषा के रूप में देश की एकता का सूत्र है। प्रो० निखत फातिमा ने कहा कि यह जन आंदोलनों की भाषा है ।
अन्य भाषाएं नदियां हैं तो हिन्दी महानदी। समारोह का संचालन आलोक कुमार ने किया । स्वागत भाषण हिन्दी विभागाध्यक्ष डा० घनश्याम कुमार ने लिया । समारोह में बडी संख्या में छात्र छात्राएं, शिक्षकेत्तर कर्मचारी एवं प्राध्यापक उपस्थित थे ।
समारोह में प्रो० आशीष कुमार, प्रो० दीपक प्रसाद, प्रो० चंद्रभूषण, प्रो० मृत्युंजय महासेठ, प्रो० पंकज कुमार, प्रो० सुरेशचंद्र, प्रो० चंदन कुमार सिंह, प्रो० सनुवर अली, प्रो० स्वाति कुमारी, अनामिका कुमारी, प्रो० संजय कुमार, सुरेश लाल कर्ण, काजल कुमारी आदि उपस्थित थे।