इटावा

नियंत्रित करने और भूमिगत जल के विनियमन का सत्त प्रबन्धन सुनिश्चित करने के लिये, उसे मात्रात्मक और गुणात्मक स्थायित्व प्रदान करने के लिये

नियंत्रित करने और भूमिगत जल के विनियमन का सत्त प्रबन्धन सुनिश्चित करने के लिये, उसे मात्रात्मक और गुणात्मक स्थायित्व प्रदान करने के लिये

इटावा यूपी: सहायक अभियन्ता ल०सिं०,नोडल, जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद, रवीन्द्र कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल (प्रबन्धन और विनियमन) अधिनियम-2019 के अन्तर्गत राज्य में भूमिगत जल संरक्षित करने, नियंत्रित करने और भूमिगत जल के विनियमन का सत्त प्रबन्धन सुनिश्चित करने के लिये, उसे मात्रात्मक और गुणात्मक स्थायित्व प्रदान करने के लिये, विशेष रूप से भूजल संकटग्रस्त ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में भूजल संरक्षण एवं संवर्धन पर जोर दिया गया है एवं सभी औद्योगिक, वाणिज्यिक, अवसंरचनात्मक, आर०ओ० प्लांट और सामूहिक उपयोगकर्ताओं को भूजल निष्कर्षण हेतु अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी)/पंजीकरण का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त भूगर्भ कूप निर्माण की समस्त ड्रिलिंग संस्थाओं का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है।
उक्त के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा समस्त औद्योगिक, वाणिज्यिक, अवसंरचनात्मक (निर्माण संबंधी इत्यादि), आर०ओ० प्लांट और सामूहिक उपयोगकर्ताओं (अधिष्ठान यथा होटलों/लॉजों/आवासीय कालौनियों/रिजोर्टों/निजी चिकित्सालयों/परिचर्या गृहों/कारोबार प्रक्षेत्रों/ शॉपिंग मॉल्स/मैरिज होम/ड्रिंकिंग वाटर प्लान्ट/स्लाटर हाउस/वाहन धुलाई केन्द्र इत्यादि) सहित मौजूदा एवं प्रस्तावित भूजल उपयोगकर्ताओं को नोटिस के माध्यम से सूचित किया गया कि उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल विभाग को भूगर्भ जल अधिनियम-2019 की धारा-39 के अन्तर्गत बिना पंजीकरण/अनापत्ति प्रमाण-पत्र के भूगर्भ जल दोहन करने हेतु दोषी पाये गये व्यक्ति/समूह/संस्था को 02 से 05 लाख रूपया तक का जुर्माना अथवा 06 माह से 01 वर्ष तक का कारावास अथवा दोनों दण्ड निर्धारित किये गये हैं।
इस श्रेणी के उपभोक्ता तत्काल भूगर्भ जल की वैबसाइट http://upgwdonline.in ऑनलाइन आवेदन कर पंजीकरण/अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करना सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त आवेदन से सम्बन्धित किसी भी अन्य जानकारी के लिए सहायक अभियन्ता, लघु सिंचाई, उपखण्ड इटावा के कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं।
उपरोक्त के क्रम में पंजीकरण कराने हेतु 01 माह की समय सीमा निर्धारित की गयी थी किन्तु 01 माह से अधिक समय व्यतीत होने के उपरान्त भी अधिकांश औद्योगिक, वाणिज्यिक, अवसंरचनात्मक (निर्माण संबंधी इत्यादि), आर०ओ० प्लांट और सामूहिक उपयोगकर्ताओं (अधिष्ठान यथा होटलों,लॉजों,आवासीय कालौनियों व रिजोर्टों व निजी चिकित्सालयों,परिचर्या गृहों,कारोबार प्रक्षेत्रों,शॉपिंग मॉल्स,मैरिज होम,ड्रिंकिंग वाटर प्लान्ट,स्लाटर हाउस,वाहन धुलाई केन्द्र इत्यादि द्वारा निर्धारित वैबसाइट पर पंजीकरण हेतु आवेदन नहीं किया गया है।

उन्होंने इस स्थिति में सम्बन्धित को पुनः निर्देशित किया है कि जिलाधिकारी द्वारा दिये गये निर्देशों का परिपालन करते हुये 15 दिन के अन्दर भूगर्भ जल की वैबसाइट http://upgwdonline.in ऑनलाइन आवेदन कर पंजीकरण/अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करना सुनिश्चित करें यदि किसी फर्म,संस्था द्वारा उपरोक्तानुसार भूगर्भ जल निष्कर्षण हेतु अनापत्ति प्रमाण-पत्र ,रजिस्ट्रेशन हेतु आवेदन नहीं किया जाता है तो उसके उपरान्त यदि किसी भी फर्म,संस्था द्वारा अवैध रूप से भूगर्भ जल निष्कर्षण करते हुये पकड़ा जायेगा तो उसके विरूद्ध अधिनियम के अनुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी जिसके लिये वह स्वयं जिम्मेदार होंगे।

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