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गौतम बुद्ध के विचार ही आत्मनिर्भर भारत का सच्चा मार्ग” – बुद्ध जयंती पर सुश्री मायावती जी का संदेश

गौतम बुद्ध के विचार ही आत्मनिर्भर भारत का सच्चा मार्ग” – बुद्ध जयंती पर सुश्री मायावती जी का संदेश

 

पुणे (डीएस तोमर): बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रह चुकीं देश की ‘आयरन लेडी’ सुश्री बहन मायावती जी ने बुद्ध जयंती के अवसर पर तथागत गौतम बुद्ध को शत-शत नमन करते हुए देशवासियों को शांति, सद्भाव और समृद्ध जीवन की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने बुद्ध के विचारों को भारत ही नहीं, विश्वभर में प्रसारित कर भारत को ‘विश्वगुरु’ बनाने के संकल्प की पुनः स्मृति दिलाई।

अपने संदेश में बहनजी ने तथागत बुद्ध के प्रसिद्ध उपदेश “अत्त दीप भव” – स्वयं प्रकाश बनो – का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि यह विचार आज के युग में आत्मनिर्भरता और आत्ममूल्य के विकास की दिशा दिखाता है। उन्होंने कहा कि यह संदेश भारत के संविधान में भी निहित है, और देश को आत्मनिर्भर बनाने की नींव यही विचारधारा रखती है। यह जानकारी बसपा के प्रदेश महासचिव एवं पश्चिम महाराष्ट्र ज़ोन प्रभारी डॉ. हुलगेश चलवादी ने दी।

बसपा ने विचारों से बदली ज़मीन पर हकीकत

डॉ. चलवादी ने बताया कि बसपा सरकार ने उत्तर प्रदेश में शासन करते हुए केवल घोषणाओं तक सीमित न रहकर, ‘कायदे का राज’ स्थापित किया और ‘सबका न्याय’ जैसे संवैधानिक मूल्यों को साकार किया। अन्य राजनीतिक दल केवल संत-महापुरुषों के नाम पर राजनीति करते हैं, जबकि बसपा ने उनके विचारों पर चलकर समाज के वंचित तबके के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया।

बसपा शासन के दौरान बुद्ध विचारधारा पर आधारित कई स्मारक, योजनाएं और संस्थान स्थापित किए गए। इनमें लखनऊ का ‘बौद्ध विहार शांतिउपवन’, 511 एकड़ में फैला ‘गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय’, ‘मान्यवर कांशीराम स्मारक’, ‘बौद्ध परिपथ’ का विकास, कपिलवस्तु में हवाई पट्टी व पर्यटक निवास, और श्रावस्ती, कौशांबी, कुशीनगर जैसे जिलों का गठन प्रमुख हैं।

डॉ. आंबेडकर के सपनों का गांव-गांव में विकास

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के विचारों से प्रेरित ‘ग्रामसभा समग्र विकास योजना’ के तहत बसपा सरकार ने ग्रामीण भारत में उपेक्षित वर्गों के लिए सड़क, बिजली, पानी, शौचालय और स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित कीं।

“सिर्फ भाषणों से नहीं, समाज बदलने से मिलेगा न्याय”

बहन मायावती जी ने दो टूक कहा कि केवल बड़े-बड़े भाषणों या पवित्र स्थलों पर नतमस्तक होने से जनता को न्याय नहीं मिलेगा। “बुद्ध के विचारों पर चलने का सच्चा अर्थ है – द्वेष, जातिवाद और हिंसा से ऊपर उठकर एक समतामूलक समाज का निर्माण करना,” ऐसा स्पष्ट संदेश उन्होंने दिया।

बसपा एक आंदोलन, केवल पार्टी नहीं

अंत में बहनजी ने कहा कि बसपा केवल एक राजनीतिक दल नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का एक सतत मिशन है। उन्होंने देश की सभी सरकारों और नागरिकों से अपील की कि वे अपने आचरण में तथागत बुद्ध के आदर्शों को आत्मसात करें और एक समतावादी, न्यायपूर्ण भारत के निर्माण में सहभागी बनें।

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