
सीतामढ़ी सदर अस्पताल में GNM स्टाफ आशीष शर्मा ने की आत्महत्या – उपाधिक्षक ,सुधा पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप, क्या अस्पताल बना प्रताड़ना का अड्डा?
सीतामढ़ी, बिहार (विकेश कुमार पुर्वे)– जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, सदर अस्पताल, में गुरुवार को उस समय सनसनी फैल गई जब एक GNM स्टाफ का शव अस्पताल परिसर में फंदे से लटका मिला। मृतक की पहचान राजस्थान निवासी आशीष शर्मा के रूप में हुई है। घटना सुबह करीब 11 बजे की बताई जा रही है।
मृतक के सहकर्मियों ने अस्पताल उपाधिक्षक डॉ. सुधा झा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला GNM और ANM स्टाफ ने आरोप लगाया कि अधीक्षक के रवैये में लगातार भेदभाव और मानसिक शोषण शामिल रहा है। उनका कहना है कि उन्हें समय पर छुट्टियाँ नहीं मिलतीं, उनसे अपमानजनक व्यवहार किया जाता है, और काम का अत्यधिक दबाव बनाया जाता है।
क्या मानसिक प्रताड़ना ने ली एक और जान?
स्टाफ का आरोप है कि आशीष शर्मा लंबे समय से तनाव में थे और उपाधिक्षक की प्रताड़ना से परेशान चल रहे थे। कई अन्य कर्मचारी भी इसी तरह की मानसिक पीड़ा से गुजर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।
घटना के बाद अस्पताल परिसर में आक्रोश फैल गया। स्टाफ ने प्रदर्शन करते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। अधीक्षक सुधा झा ने फिलहाल केवल इतना कहा कि आत्महत्या के कारणों की जांच की जा रही है।
प्रशासन से सवाल :
1. क्या सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मी मानसिक शोषण के शिकार हैं?
2. जब बार-बार स्टाफ उपाधीक्षक पर प्रताड़ना के आरोप लगाते हैं, तो जांच और कार्रवाई क्यों नहीं होती?
3. आशीष शर्मा की मौत का जिम्मेदार कौन?
4. क्या किसी अन्य कर्मचारी को इसी तरह की दुखद स्थिति का इंतजार करना होगा, तब प्रशासन जागेगा?
सरकार और स्वास्थ्य विभाग को इस घटना को केवल एक आत्महत्या मानकर नहीं छोड़ देना चाहिए। यह स्वास्थ्यकर्मियों के साथ हो रहे व्यवस्थित शोषण और उदासीन प्रशासनिक रवैये का गंभीर संकेत है।